Shloka 26 to 30 Chapter 1 Arjuna Vishada Yoga (Gita for layman) presented by Yatra Tatra Sarvatra

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Ashok Yadav
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Published on 25 Nov 2020 / In Educational

श्रीकृष्ण ने अर्जुन के रथ को दोनों सेनाओं के बीच खड़ा कर दिया है, जिससे वह सभी योद्धाओं को अच्छी तरह से देख ले । यही तो अर्जुन भी चाहता था । तो फिर गड़बड़ कहाँ हो गयी ? अर्जुन ने देखा, कि सामने खड़े हैं, उसके पिता के भाई चाचा भूरिश्रवा; दादा और परदादा भीष्म, सोमदत्त और बाह्लीक । मामा पुरुजित, कुन्तिभोज और शल्य; पुत्र अभिमन्यु और प्रतिविन्ध्य; भतीजे घटोत्कच और लक्ष्मण । पुत्रों और भतीजों के भी पुत्र, जो अर्जुन के पुत्र थे; अनेक प्रिय मित्र वहां मौजूद थे । द्रुपद, शैव्य आदि ससुर भी उस युद्ध भूमि में उपस्थित थे। वहां और भी बहुत से सुहृद संबंधी थे, जैसे धृष्टदयुम्न, शिखंडी और सुरथ, जो अर्जुन के साले थे और जयद्रथ, जो अर्जुन का बहनोई था ।
इन सबको, वहां कुरुक्षेत्र के मैदान में, लड़ने के लिए तैयार देखकर, अर्जुन घबरा गया । इसलिए नहीं, कि वह इनसे डर गया था, बल्कि इसलिए, कि उसको ही, इन सब प्रिय बंधु बांधवों को मारना पड़ेगा ? इस ख्याल से ही, वह बहुत भयभीत और दुखी हो गया था । आइए, अर्जुन के स्थिति को, विज्ञान के नजरिए से देखा जाए ।
अर्जुन ने कहा, कि उसके शरीर के सारे अंग, ढीले पड़ रहे हैं और उसका मुंह सूखा जा रहा है। यदि मनुष्य को भारी दुःख हो, या गहरी चिंता हो अथवा कोई अनजाना डर हो, तो उसका मुंह सूखने लगता है और अंग शिथिल पड़ जाते हैं । क्या अर्जुन को भी यही दुःख, यही चिंता और यही डर सता रहा था कि सारे सगे संबंधी तो मर जाएँगे । तो फिर, मैं जीकर क्या करूंगा ?
महारथी अर्जुन ने यह भी बताया, कि उसका सारा शरीर कांप रहा है । जब मानसिक तनाव बहुत अधिक हो जाता है, और अवसाद की अवस्था में मनुष्य चला जाता है तो उसके शरीर में कपकपी होने लगती है । यदि मनुष्य किसी वजह से बहुत अधिक डर गया है, तो उसके शरीर में कंपन होने लगता है। क्या अर्जुन भी अत्यधिक मानसिक तनाव, डर और अवसाद की अवस्था में पहुँच गया था ?

महाबली अर्जुन ने यह भी कहा, कि उसके सारे शरीर के रोंगटे, खड़े हो गए हैं । जब कोई या तो बहुत ठण्ड महसूस करता है, या डर या तनाव महसूस करता है, तब उसका दिमाग उसकी मांसपेशियों को संकेत देता है, जिससे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। क्या अर्जुन भी, अनिश्चितता और आपात संकट के डर और तनाव से, घबरा गया था? क्या इसी लिए उसके शरीर के रोंगटे खड़े हो गए थे?

अर्जुन ने बताया कि उसका सारा शरीर तप रहा है । बढे हुए तापमान के कारण, मनुष्य की शारीरिक क्षमताओं पर बहुत ही गहरा, विपरीत प्रभाव पड़ता है । अर्जुन ने चक्कर आने की भी शिकायत की । आमतौर पर चक्कर आने के कारण, व्यक्ति को आसपास की चीजें घूमती हुईं और धुंधली नजर आती हैं। साथ ही शरीर का संतुलन बनाना, मुश्किल हो जाता है। क्या यही सारे कारण थे, कि अर्जुन जैसे महान धनुर्धर के हाथों से गांडीव धनुष, सरक रहा था । खाण्डव प्रस्थ दहन के अवसर पर, अग्निदेव ने आग्रह पूर्वक वरुण देव से इस दिव्य धनुष को अर्जुन को दिलवाया था । आज हालत यह हो गयी है, कि वह इस धनुष को उठा ही नहीं पा रहा था । यहाँ तक कि वह खड़े रहने में भी असमर्थ है ।

वास्तव में, गीता का आरंभ यहीं से हो रहा है। जगत के नियंता श्रीकृष्ण ने, अर्जुन का रथ दो सेनाओं के बीच में खडा कर दिया है । अब वह भयंकर द्वंद्व में फंसा है । उसकी बुद्धि काम नहीं कर रही है, कि क्या करे और क्या न करे । इस चक्कर में, उसका दिमाग चक्कर खा रहा है ।

वह अर्जुन कोई और नहीं है। वह हम हैं, वह आप हैं । हमारे आसपास का सारा कर्मक्षेत्र, कुरुक्षेत्र का युद्ध क्षेत्र है । हमारे सामने भी कभी ऐसी स्थितियां आई होंगीं, जब हमारा रथ, पार्थ सारथी ने दो सेनाओं के बीच में खड़ा कर दिया होगा । ऐसी विकराल परिस्थिति भी आई होगी, कि हमारे शरीर के सारे अंग, ढीले पड़ गए होंगे । मुंह सूखा जा रहा होगा । शरीर में कपकपी हो रही होगी । रोंगटे खड़े हो गए होंगे । ऐसा लग रहा होगा, कि शरीर के अंगों में जान ही नहीं बची है । सारा बदन, आग की तरह तप रहा होगा । सर घूम रहा होगा, चक्कर आ रहे होंगे, और हमारे अन्दर, खड़े रहने की भी ताकत नहीं बची होगी । समझ में नहीं आ रहा होगा, कि क्या करें और क्या न करें । पूरी तरह, किंकर्तव्यविमूढ़ । कैसे सामना करना है इस स्थिति का ? इसी शास्वत प्रश्न का उत्तर है, श्रीमद्भगवद्गीता ।

यही है अर्जुन का विषाद । इसी के कारण, गीता के पहले अध्याय का नाम है - अर्जुन विषाद योग । अब अर्जुन क्या करेगा ? क्या वह युद्ध छोड़ देगा ? इस असमय उत्पन्न अजीब सी स्थिति को, श्रीकृष्ण किस तरह से सम्हालेंगे ?
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CONCEPT & RESEARCH ASHOK KUMAR YADAV
SCRIPT & TECHNICAL SUPPORT ASHOK KUMAR YADAV
VOICE OVER - SANSKRIT NISHTHA YADAV
VOICE OVER - HINDI SARASWATI DEVI
1.GITA- VERSE- 7,8,9 (ENG) https://youtu.be/F76_3kHE5gA
2.GITA- SHLOKA- 10 & 11 (HINDI) https://youtu.be/zOF25K3lRZ4
3.GITA- SHLOKA- 10 & 11 (ENG) https://youtu.be/4sJ7TVgp_ic
4.GITA- SHLOKA- 12 & 13 (HINDI) https://youtu.be/kIncKObi_M4
5.GITA- SHLOKA- 12 & 13 (Eng) https://youtu.be/VoPzB1wzQGE
6.GITA- SHLOKA- 14 to 19 (Hindi) https://youtu.be/VoPzB1wzQGE
7. GITA- Verse- 14 to 19 (Eng) https://youtu.be/4pmiQ5mUE08
8. GITA- Verse- 20 to 25 (Hin) https://youtu.be/vyE0sbZ0bBA
9. GITA- Verse- 20 to 25 (Eng) https://youtu.be/3YFB05dK34g
10. GITA- Verse- 26 to 30 (Hin) https://youtu.be/TkfdylUdRFI

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Moksha
Moksha 3 years ago

very well explained. I enjoy your videos a lot.

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